घर में साकारात्मक ऊर्जा के लिए ....भाग 2

वास्तुशास्त्र  का मूल आधार विभिन्न  प्राकृतिक ऊर्जाओं पर निर्भर  है ,जो की प्रकृति के द्वारा भरपूर मात्रा में हमें निःशुल्क मिलता है। सूर्य की ऊर्जा  ,वायु  से ऊर्जा ,आकाश से ऊर्जा, चन्द्रमा की ऊर्जा ,ब्रह्माण्ड की ऊर्जा। ये हमें आंतरिक ख़ुशी ,मन की शान्ति,स्वास्थ्य देते हैं और  साथ ही समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करती है ,धन अर्जन के मार्ग प्रशस्त करती है। 

पशु -पक्षी भी  नाकारात्मक शक्तियों को दूर करते हैं. 

1 ..

 घर में तोता  पालने  से  घर में  साकारात्मकता  बनी रहती है। साथ ही         बुध ग्रह के कुप्रभाव भी ख़त्म होते  है।


 2 .. 
 गौ- पालन से घर के वास्तु दोष और नाकारात्मकता ख़तम होती है,जिस     प्लॉट में घर बनाना हो वहाँ  यदि कुछ दिनों तक गौ-पालन किया जाए तो     नाकारात्मक  शक्तियां ख़त्म हो जाती है। साथ ही गौ-दान  हमें अनिष्ट         से बचाता  है और शुक्र ग्रह के कु -प्रभाव को शांत करता है। 

3 .. 
                         


कुत्ता एक ऐसा रहस्यमयी  प्राणी माना  जाता है जो भविष्य  में होने वाली घटनाओं  और सूक्ष्म  जगत की आत्माओं  को देखने की क्षमता  रखता है ,कई किलोमीटर तक की गंध सूंघ सकता है,बहुत  वफ़ादार  होता है।  कुत्ते को खाना खिलाने से शनि ग्रह शान्त होता है। कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि ,राहु,केतु, के कु -प्रभाव भी कम होते हैं।

  
4 .. 
 वास्तुशास्त्र  के अनुसार कबूतर का घर में  होना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए इन्हे घर में नहीं पालना चाहिए। 

5 .. 
काले कौवों  को भोजन कराने से शत्रुओं का नाश होता है ,कौवों  को भोजन कराने  से शनि देव प्रसन्न होते हैं ,एवं पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। घर की मुंडेर पर अगर कौवा  उत्तर दिशा में बोले तो लक्ष्मी आती हैं ,पश्चिम दिशा में बोले तो मेहमान आते हैं,पूर्व दिशा में बोले तो शुभ समाचार  और दक्षिण दिशा में बोले तो  अशुभ समाचार के संकेत देता है।  


आचार्या  दीपिका  श्रीवास्तव 

आलेख में दी  गई जानकारियाँ  धार्मिक आस्था  एवं लौकिक मान्यता पर आधारित है  जिसे जनसामान्य की रूचि को ध्यान में रख कर लिखा गया है। 

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